मैं गैर मर्द से चुदी तो मेरे पति ने तालियाँ बजाईं लेखक: रीना शर्मा | 18-11-2025 | सच्ची यादें
हाय दोस्तों, आपकी अपनी हॉट भाभी रीना बोल रही हूँ! ये मेरी ज़िंदगी की सबसे मादक और बिल्कुल सच्ची याद है। नाम के अलावा बाकी सब कुछ – शहर, मोहल्ला, तारीखें – सब सच हैं।
बात 2005-06 की है। हम लोग लखनऊ के आलमबाग इलाके में सरकारी क्वार्टर में रहते थे। मेरे हसबैंड राजीव उस वक्त ज़िला सहकारी बैंक में असिस्टेंट मैनेजर थे। हमारा क्वार्टर कॉलोनी के आखिरी कोने में था, चारों तरफ़ खाली प्लॉट और पेड़ – बिल्कुल प्राइवेट।
शादी को सात साल हो चुके थे, दो बच्चे थे, पर मैं अभी भी पूरी टाइट-टंच माल थी – हाइट 5’4”, फिगर 36-32-38। राजीव भी सेक्स के बड़े शौकीन थे। रोज़ रात में कम से कम दो राउंड तो पक्के। 69 हमारा फेवरेट था। वो मेरी चूत चाट-चाट कर पागल कर देते थे और मैं उनका 7 इंच का सख्त लंड मुँह में लेकर स्वर्ग पहुँच जाती थी।
उन्होंने नेपाल से VCD प्लेयर लाकर रखा था। हफ्ते में तीन-चार बार ब्लू फिल्म लगाते और चोदते वक्त मुझसे गंदी-गंदी बातें करवाते। मैं भी पूरी छिनाल बन जाती थी।
एक दिन मैंने कहा – “यार, दिन भर घर पर अकेली बोर होती हूँ। कुछ करना चाहती हूँ।” वो बोले – “पहले कोई स्किल सीखो, फिर पार्ट टाइम काम मिलेगा।” दो दिन बाद बोले – “चलो, कंप्यूटर कोर्स कर लो।”
उन्होंने ही पास में एक छोटा सा इंस्टिट्यूट ढूंढा – नाम था “डिजिटल ज़ोन”। मालिक-सह-टीचर था विक्की, उम्र 28-29 साल, गहरा सांवला रंग, कसरती बदन, हाइट 5’9”। देखते ही मेरी चूत में हलचल हो गई। मुझे काले मर्द और काले लंड का बहुत क्रेज़ था – ब्लू फिल्मों की देन।
तीसरे-चौथे दिन से विक्की ने मौका देखकर मेरी उंगलियाँ दबानी शुरू कीं। मैंने कुछ नहीं कहा। फिर पूरी हथेली, फिर बाजू सहलाने लगा। मैं तो पहले दिन से ही सोच रही थी कि इसका माल खाकर ही रहूंगी।
रविवार को वो मुझे 11 बजे बुलाने लगा। उस दिन सिर्फ़ 4-5 छोटे बच्चे आते थे। आधे घंटे में उन्हें काम देकर भगा देता और मेरे साथ अकेले में मज़े लेने लगता। पहले बाहर से बूब्स दबाना, फिर ब्लाउज़ के अंदर हाथ डालकर। मैं चुपचाप मज़े लेती।
रात को राजीव जब चोदते तो मैं विक्की के ख्यालों में और ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाती। एक रात चूत चटवाते वक्त मैंने बता दिया – “विक्की मुझे छूता है, दबाता है।” ये सुनते ही राजीव का लंड और सख्त हो गया। बोले – “साली रंडी, मज़े ले रही है ना? चुदवा ले उससे… मैं देखूँगा।” मैंने शरमाते हुए कहा – “अच्छा?” वो बोले – “हाँ यार, मुझे बहुत मज़ा आएगा। तू चुदवा और मुझे लाइव दिखा।”
अगले ही रविवार को विक्की ने मौका पाकर ब्लाउज़ के अंदर हाथ डाला और ब्रा के ऊपर से निप्पल मसलने लगा। मैंने भी उसका लंड पैंट के ऊपर से सहलाना शुरू कर दिया। उसने कंप्यूटर पर ब्लू फिल्म चला दी – दो काले मर्द एक गोरी को चोद रहे थे। मैं तो पागल हो गई।
फिर उसने दरवाज़ा बंद किया, मुझे खड़ा किया, सलवार का नाड़ा खोला। मैंने खुद सलवार-पैंटी नीचे कर दी। वो मुझे ऊपर वाले छोटे कमरे में ले गया जहाँ एक तख्त पर गद्दा था। मैंने उसकी पैंट-कच्छा उतारा तो… उफ्फ़… 7.5 इंच का मोटा, काला, सांप जैसा लंड! मैं झुक कर चूसने लगी। वो मेरे सिर पकड़ कर मुँह चोदने लगा।
फिर उसने मुझे लिटाया, मेरी चूत चाटी। उसकी जीभ का जादू… मैं तो 2 मिनट में ही झड़ गई। फिर घोड़ी बनाया और पीछे से पूरा लंड पेल दिया। आह… मार डाला उसने मुझे! 15-20 मिनट तक तरह-तरह की पोज़िशन में चोदा और मेरी चूत में ही सारा माल उड़ेल दिया।
रात को मैंने राजीव को सारी बात बताई। वो इतने खुश हुए कि मुझे तीन राउंड चोदा और बोले – “अब उसे घर बुलाओ। बोलो पति बाहर गए हैं।”
अगले हफ्ते विक्की घर आया। राजीव अलमारी में छुपकर सब देख रहे थे। विक्की ने मुझे हमारे ही बेडरूम में खूब चोदा – पहले मुँह, फिर चूत, फिर गांड तक मार डाला। राजीव बाद में बाहर निकले तो उनके लंड से पानी टपक रहा था। उन्होंने मुझे फिर से चोदा और कहा – “आज तूने मुझे ज़िंदगी का सबसे बड़ा मज़ा दिया।”
फिर ये सिलसिला डेढ़ साल तक चला। कभी इंस्टिट्यूट में, कभी हमारे घर पर। राजीव दरवाज़े की झिरी से देखते और बाद में मुझे और ज़ोर से चोदते। वो मुझे बताते – “आज उसे ऐसे चूसना, ऐसे गांड ऊँची करना…” मैं वैसा ही करती।
फिर राजीव का ट्रांसफर हो गया, बात खत्म हो गई। पर आज भी जब पुरानी यादें आती हैं तो मेरी चूत गीली हो जाती है।
राजीव को मैं दिल से थैंक यू कहती हूँ कि उन्होंने मुझे गैर मर्द का मोटा काला लंड खाने की पूरी आज़ादी दी और खुद भी मज़े लिए।
दोस्तों, कैसी लगी मेरी और विक्की की सच्ची चुदाई की कहानी? ज़रूर बताना। ~ आपकी रीना भाभी 💋