बैंक वाली मैडम की भूखी चूत और मेरा पहला धमाका लेखक: रेहान ख़ान | 15-10-2025 | नई कहानी
दोस्तों, सलाम! मेरा नाम रेहान है, उम्र 27 साल, दिल्ली का ही रहने वाला। हाइट 5’7”, बॉडी फिट, और लंड 6.5 इंच लंबा और काफ़ी मोटा – ये मैंने खुद नापा है। अन्तर्वासना की कहानियाँ मैं पिछले 4-5 साल से पढ़ता आ रहा हूँ। रोज़ सुबह-शाम एक बार लंड हिलाए बिना नींद नहीं आती। आज सोचा अपनी सबसे हॉट और सच्ची कहानी आप सबके साथ शेयर करूँ।
मेरा काम एक प्राइवेट बैंक में ही ज़्यादा पड़ता है क्योंकि घर के सारे अकाउंट वहीं हैं। भाई-बहन के काम से मैं अक्सर ब्रांच में जाता रहता था। एक दिन अपना नया अकाउंट खोलवाने गया तो वहाँ की ब्रांच मैनेजर मैडम ने मुझसे पर्सनल नंबर माँगा – “पासबुक और कार्ड तैयार होने पर मैसेज कर दूँगी।” मैंने मुस्कुरा कर कहा, “मैडम, आप भी अपना नंबर दे दीजिए, कहीं आप भूल जाइए तो मैं रिमाइंड कर दूँ।” वो हँस पड़ीं और नंबर दे दिया।
उनका नाम था फरहाना (नाम बदला है)। उम्र करीब 34-35 साल, फिगर 36-32-40। गोरा रंग, मोटे-मोटे बूब्स जो साड़ी के पल्लू से भी छुपते नहीं थे, और भरी-भरी गांड जो चलते वक्त लहराती थी। शादीशुदा थीं, लेकिन पति दुबई में थे और साल में मुश्किल से एक बार आते थे।
धीरे-धीरे बातें बढ़ीं। पहले बैंक के काम, फिर वॉट्सऐप पर गुड मॉर्निंग-गुड नाइट। एक दिन मैसेज आया – “रेहान, मुझे थोड़े पैसों की ज़रूरत है, बहुत इमरजेंसी है। तुम्हारे पापा के अकाउंट में हैं ना, प्लीज़ मदद कर दो, दो-तीन दिन में वापस कर दूँगी।” मैंने घर से पैसे निकाल कर दे दिए। वो बहुत शुक्रिया बोलीं और बोलीं, “तुम बहुत अच्छे हो।”
फिर ईद आई। मैंने उन्हें मिठाई का डिब्बा भिजवाया। रात को कॉल आई – “गिफ्ट बहुत अच्छा लगा। अब मेरी तरफ़ से तुम्हें क्या चाहिए?” मैंने मज़ाक में कहा, “आप खुद चल कर दे दीजिए।” वो हँसते हुए बोलीं, “चलो ठीक है। कल दोपहर 2 बजे, साकेत वाले होटल XXX के लॉबी में मिलते हैं।”
अगले दिन मैं पहुँचा तो देखा फरहाना मैडम ने लाल रंग की टाइट साड़ी पहनी थी। ब्लाउज़ इतना टाइट कि बूब्स फटे जा रहे थे, लाल लिपस्टिक, खुले बाल – एकदम कातिल लग रही थीं। मैंने कहा, “मैडम, आज तो आप किसी हीरोइन से कम नहीं लग रही।” वो शरमाते हुए बोलीं, “चलो ऊपर चलते हैं, रूम बुक है।”
रूम में घुसते ही दरवाज़ा बंद किया और सीधे मुझे गले लगा लिया। उनकी गर्म साँसें मेरी गर्दन पर लग रही थीं। बोलीं, “रेहान… मैं बहुत अकेली हूँ। मेरे शौहर को सिर्फ़ पैसा कमाना आता है, मेरी तड़प कोई नहीं देखता। आज तुम मेरी प्यास बुझा दो।”
मैंने कहा, “मैडम, ये मेरा भी पहली बार है। डर लग रहा है।” उनकी आँखें चमक उठीं। बोलीं, “कोई बात नहीं मेरा राजा, मैं हूँ ना। आज मैं तुझे सब सिखा दूँगी।” फिर अपनी पर्स से एक नीली गोली निकाल कर दी – “ये खा ले, घंटों चलेगा।”
मैंने गोली खाई और उन्हें बाहों में भर लिया। उनकी साड़ी की महक, गर्म बदन… मैं पागल हो गया। होंठों पर होंठ रखे और लंबा किस शुरू। उनकी जीभ मेरे मुँह में थी, मैं उनकी चूस रहा था। फिर गर्दन पर किस, कान चाटा तो “आआह… रेहान… मार डाला…” कहते हुए वो काँपने लगीं।
मैंने साड़ी का पल्लू गिराया, ब्लाउज़ के हुक खोले। काली ब्रा में उनके भारी-भारी दूध बाहर आए। मैंने एक को मुँह में लिया तो वो सिर पकड़ कर दबाने लगीं – “चूसो मेरे राजा… ज़ोर ज़ोर से चूसो… सालों से किसी ने नहीं चूसे।”
ब्रा उतारी, दोनों बूब्स को मसलते-चूसते लाल कर दिया। फिर नीचे आया, पेटीकोट खोला। काली लेस पैंटी पूरी गीली थी। मैंने पैंटी सूंघी – मदहोश करने वाली खुशबू। फिर उतार कर फेंकी और उनकी चूत पर मुँह रख दिया। एकदम चिकनी, फूली हुई चूत। मैं जीभ अंदर तक डाल कर चाटने लगा। वो तड़प रही थीं – “आआह… मेरी जान… ऐसे ही… कोई मर्द पहली बार मेरी चूत चाट रहा है… उफ्फ़… मर गई…!”
10 मिनट चूत चाटी फिर बोलीं, “अब बर्दाश्त नहीं होता… डाल दो अपना लंड।” मैंने कपड़े उतारे। मेरा लंड देख कर बोलीं, “अरे वाह… इतना मोटा… आज तो मज़ा आ जाएगा।” फिर खुद घुटनों पर बैठीं और लंड मुँह में लेकर चूसने लगीं। गले तक ले जा रही थीं। मैं तो स्वर्ग में था।
फिर 69 में आ गए। मैं उनकी चूत पी रहा था, वो मेरा लंड निगल रही थीं। फिर मैंने लंड चूत पर रगड़ा। वो बेचैन – “डालो ना… अब और मत तड़पाओ।” मैंने दो-तीन बार सेट किया, फिसला। वो हँसीं और खुद लंड पकड़ कर चूत पर रखा – “अब धक्का मारो मेरे शेर।”
एक जोरदार झटका मारा तो आधा लंड अंदर चला गया। वो चीखीं – “आआह्ह्ह… मादरचोद… कितना मोटा है… धीरे… फट गई मेरी चूत…!” मैं रुक गया। वो बोलीं, “नहीं… अब पूरा डालो।” मैंने कमर आगे की – पूरा लंड अंदर। वो आँखें बंद कर के “हाय अल्लाह…” बोल रही थीं।
फिर मैंने धीरे-धीरे चोदना शुरू किया। पाँच मिनट बाद वो खुद कमर उछालने लगीं – “चोदो… ज़ोर ज़ोर से चोदो मुझे… आज फाड़ दो मेरी चूत…!” मैंने स्पीड बढ़ाई। धप-धप-धप… पूरा रूम चुदाई की आवाज़ से गूँज रहा था।
फिर उन्हें कुतिया बनाया। गांड ऊँची करवाई और पीछे से पूरा लंड पेल दिया। वो तकिया दाँतों से काट रही थीं – “हाँ… ऐसे ही… मेरे शौहर कभी ऐसा नहीं करते… आज मरवा दो मुझे…!” 20 मिनट तक डॉगी, फिर वो ऊपर आईं और उछल-उछल कर चुदवाईं। उनके बूब्स मेरे मुँह पर मार रहे थे।
आखिर में मैंने उन्हें फिर नीचे लिया और मिशनरी में तेज़-तेज़ ठोंकते हुए सारा माल उनकी चूत के अंदर ही छोड़ दिया। वो भी एक साथ झड़ीं और मुझे कस कर जकड़ लिया।
हम दोनों पसीने से तर, एक-दूसरे से लिपट कर लेटे रहे। बोलीं, “रेहान… आज तूने मुझे औरत होने का सुख दिया। जब मन करे, बुला लेना। मेरी चूत हमेशा तेरे लिए खुली रहेगी।”
अब जब भी मौका मिलता है, मैं उन्हें होटल या कभी-कभी उनके फ्लैट पर ही चोद आता हूँ। उनकी प्यासी चूत और मेरे मोटे लंड का रिश्ता अब अनमोल हो गया है।
दोस्तों, कैसी लगी मेरी बैंक वाली मैडम की चुदाई की कहानी? कमेंट ज़रूर करना। ~ रेहान ख़ान